चोटिला की मजेदार पल यात्रा 🙋


चोटिला की धार्मिक यात्रा हमारे जीवन के सबसे अनमोल पलों में से एक थी। हम हर साल वहां जाते थे और हर बार की तरह इस बार भी हमने वहां के धर्मशाला में रहने का फैसला किया। धर्मशाला में सेवा करने वाली एक लड़की थी, जो हमारे समूह के एक लड़के, जिमित, को बहुत पसंद थी। यह बात सभी को मालूम थी, क्योंकि जिमित हर साल उस लड़की को देखे बिना नहीं रह सकता था 😋। उसके और लड़की के बीच का यह प्रेमालाप हमारे चोटिला यात्रा का सबसे विशेष पल हुआ करता था।




एक बार जब हम चोटिला से मुंबई के लिए निकले थे, तब हमें बाजार में सोडा पीने का मन हुआ। हम सभी सोडा पीने के लिए रुके और तभी वह लड़की अचानक वहां से निकल आई। हमारे एक दोस्त आशिक ने तुरंत उसे पहचान लिया और मजाक में जोर से चिल्लाने लगा, "भाभी, भाभी!" यह सुनकर हम सब हंसने लगे और जिमित का चेहरा देखकर तो और भी ज्यादा हंसी आईजिमित पूरी तरह से हक्का-बक्का रह गया और कुछ समझ नहीं पाया कि क्या हो रहा है। उसकी प्रतिक्रिया ने हमारी हंसी को और भी बढ़ा दिया



हमारी यात्रा के दौरान एक और घटना थी जो हमें खूब हंसाया करती थी। जब भी लंच का समय होता, हम सब "लाला रघुवंशी भोजनालय" नामक होटल में जाते। यहां प्रति व्यक्ति 130 रुपये का लंच मिलता था। लेकिन जिमित की भूख ऐसी थी कि वह वहां इतना खा लेता था कि होटल का मालिक भी चिंतित हो जाता था 😥। हर बार जब हम वहां जाते, मालिक सोचता कि इस बार जिमित क्या छोड़ेगा खाने को 😱। आखिरकार, मालिक भी हमारे साथ ही लंच करने बैठ जाता, यह सोचकर कि जिमित कुछ भी नहीं छोड़ेगा। 😡




हमारे ग्रुप में अमित भी था, जो जिमित के बिल्कुल विपरीत था 👀। लाला रघुवंशी भोजनालय में, जिमित की भूख ऐसी थी कि वह पूरा खाना खत्म कर देता था। लेकिन बेचारा अमित 🙆, जो केवल 2 रोटी खाकर उठ जाता था 😆, उसका पेट इतना नहीं था कि वह ज्यादा खा सके। उसकी यह स्थिति हमें हर बार हंसने पर मजबूर कर देती थी। अमित का बिल हर बार फालतू ही जाता था क्योंकि वह कभी भी पूरा खाना नहीं खा पाता था।




लाला रघुवंशी भोजनालय में जिमित का खाना एक अद्वितीय अनुभव था 😆। वहां काम करने वाले लड़के धीरे-धीरे जिमित के सिर पर खड़े हो जाते थे और देखते थे कि वह कितना खा सकता है 🙎। जिमित की भूख और खाने का तरीका सभी को चौंका देता था 😮। यह नज़ारा हमारे लिए हर साल का विशेष आकर्षण बन गया था। हम सभी हंसते और मजे लेते, जबकि जिमित अपनी भूख मिटाता।


धार्मिक यात्रा के दौरान हम सभी मंदिर के दर्शन के लिए जाते, वहां पूजा-अर्चना करते और देवी से आशीर्वाद लेते। यात्रा का यह धार्मिक पहलू हमारे जीवन को आध्यात्मिकता और शांति से भर देता था। लेकिन इसके साथ ही जिमित के खाने के अद्वितीय तरीके और उसकी प्रेम कहानी हमारी यात्रा को मजेदार और यादगार बना देती थी।


इन पलों ने हमें दिखाया कि कैसे एक यात्रा सिर्फ धार्मिक नहीं होती, बल्कि उसमें हमारे दोस्तों के साथ बिताए गए मजेदार और अविस्मरणीय पलों का भी महत्व होता है। जिमित का प्रेम और उसका खाना दोनों ही हमें हर साल चोटिला वापस ले जाते थे। ये अनमोल पल हमें हमेशा याद रहेंगे और हमें खुशी और हंसी के अनगिनत पल देते रहेंगे।


चोटिला की इस यात्रा ने हमें सिखाया कि जीवन में छोटे-छोटे पलों का भी कितना महत्व होता है। यह केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं थी, बल्कि यह दोस्तों के साथ बिताए गए अनमोल समय का एक सुंदर संग्रह था। इस यात्रा ने हमें जीवन की वास्तविक खुशियों का एहसास कराया और यह सिखाया कि खुशियाँ हर जगह मिल सकती हैं, बस हमें उन्हें देखने और महसूस करने की जरूरत है।


इस प्रकार, हर साल चोटिला की यात्रा हमारे लिए एक विशेष अवसर बन जाती थी, जहां हम धर्म, प्रेम और हंसी के बीच एक नया अनुभव हासिल करते थे। जिमित की प्रेम कहानी और उसके खाने के कारनामे हमारी यात्रा को यादगार बनाते थे और हमें हर साल वहां वापस जाने के लिए प्रेरित करते थे। यह यात्रा हमारे दिलों में हमेशा के लिए बसी रहेगी और हमें जीवन भर मुस्कुराने का एक कारण देती रहेगी।